लखनऊ : चर्चित गोमती रिवरफ्रंट के मामले में न्यायिक जांच रिपोर्ट के बाद अब कैग की रिपोर्ट में भी अनियमितता सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार गोमती रिवरफ्रंट में मानकों को ताखपर रखकर दिए गए ठेके जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार ठेके देने में मानकों का अनुपालन नहीं किया गया है. निविदा आमन्तरण में फर्जी दस्तावेज भी लगाए गए. बताते चलें कि 2015 में रिवर फ्रंट को विकसित करने के लिए 656.58 करोड़ जिसको 2016 में लागत बढ़ा 1513.32 करोड़ किया गया और मार्च 2017 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया. लेकिन लेकिन सितम्बर 2017 तक 1447.84 खर्च होने के बाद भी काम अधूरा था. इसमें कुल 662.58 करोड़ की लागत की 23 निविदा आमंत्रण सूचनाओं को प्रकाशित ही नहीं कराया गया.