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नोएडा : 1987 बैच के आईएएस रमा रमण पर पुलिस ने FIR दर्ज किया है. बिसरख निवासी कुलदीप भाटी का आरोप है कि उसकी जमीन का अधिग्रहण बिना किए ही बिल्डर को आवंटित कर दिया गया था. जब कुलदीप ने अपनी जमीन वापस मांगी तो आबादी दूसरी जगह शिफ्ट कर दी गई और आबादी शिफ्ट करने वाले अधिकारियों का तबादला हो गया. इस संदर्भ में भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट मेरठ के आदेश पर कासना कोतवाली की पुलिस ने पूर्व सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के रमा रमण समेत पांच अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. बसपा और सपा के कार्यकाल में 4 जुलाई 2010 से 18 जुलाई 2016 तक तीनों अथॉरिटी में सीईओ और चेयरमैन की पद पर रमा रमण तैनात रहे थे. आरोप यह है कि इस पूरे मामले का निस्तारण करने के लिए प्राधिकरण के अधिकारियों ने 20 लाख की रिश्वत मांगी थी. इस संदर्भ में तत्कालीन सीईओ रमा रमण प्राधिकरण, महाप्रबंधक ऋतुराज व्यास, टाउन प्लानर वैभव जैन, और बिल्डर सहित अन्य अधिकारियों पर रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश 1 मार्च को ही कोर्ट द्वारा दिया गया था. जिसके बाद ग्रेटर नोएडा पुलिस ने ग्रेनो अथॉरिटी के पूर्व सीईओ रमन एक बिल्डर समेत पांच पर भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू की है. यह मुकदमा भ्रष्टाचार यह मुकदमा मेरठ स्थित भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट 2 के आदेश पर दर्ज किया गया, आरोप है की अथार्टी के अफसरों ने अधिग्रहण किए बिना ही एक भूखंड बिल्डर को आवंटित कर दिया था. भूखंड मालिक ने आपत्ति जताई तो उसे दूसरी जगह जमीन देने के नाम पर 20 लाख रुपए रिश्वत मांगे गए. मामले की जांच सीओ 1 – नोएडा कर रहे है. फिलहाल रमा रमण अपर मुख्य सचिव हथकरघा के पद पर लखनऊ में नियुक्त हैं.

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