#राज्यसभा चुनाव में पक्ष में मतदान करने को लेकर जताई आशंका.
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लोकसभा उपचुनाव के परिणाम के बाद बदले सियासी समीकरण की गर्मी से सभी सियासी दल अभी तक बच नहीं पाए हैं. भाजपा, बसपा और सपा इन तीनों प्रमुख पार्टियों में चल रहे उठापटक आदि को लेकर सियासत गर्म है. जहां भाजपा में उपचुनाव में मिली हार के बाद बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं, वहीँ बसपा प्रमुख ने राज्यसभा चुनाव में मिली शिकस्त के बाद उन चर्चाओं को विराम दे दिया कि राज्य सभा में सदस्य के न जीतने पर उनके और समाजवादी पार्टी के गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
समाजवादी पार्टी में भी मुलायम को अपना पितातुल्य मानने वाले कुंडा से निर्दलीय विधायक और अखिलेश सरकार में मंत्री रहे राजा भैया को लेकर फिलहाल सियासत गर्म है. राज्यसभा चुनाव में मायावती का विरोध करने और सपा का समर्थन करने वाले राजा भैया को पहले राज्यसभा चुनाव में सहयोग के लिए धन्यवाद का ट्वीट करने और बाद में उसको डिलीट करने वाले सपा मुखिया अखिलेश यादव एक बार फिर राज्यसभा चुनाव में उनके समर्थन को लेकर सवाल खड़े किये हैं. शनिवार को पार्टी मुख्यालय में एक पत्रकार वार्ता में अखिलेश यादव ने कहा कि लगता तो नहीं हैं कि वह यानी राजा भैया हमारे साथ हैं. बताते चलें कि राज्यसभा चुनाव के बाद राजा भैया के समर्थन को लेकर अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट को बसपा सुप्रीमो की टिप्पणी के बाद हटा दिया था.
पार्टी कार्यालय में बुलाई पत्रकारवार्ता में अखिलेश यादव ने एक तरफ अपने पुराने सहयोगी राजा भैया के खिलाफ खुलकर बोला, तो वहीं दूसरी तरफ एसपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खां पर लग रहे आरोपों का बचाव भी किया. समाजवादी पार्टी उम्मीदवार को वोट दिए जाने के दावे पर अखिलेश ने कहा, लगता तो नहीं है कि वोट मिला. राजा भैया को लेकर किए गए ट्वीट को डिलीट करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘अगर यह सूचना सही है और सहयोग नहीं मिला तो डिलीट करना सही है. कम से कम कोई बात साफ तो हो. आप हमारे साथ हैं, तो साथ हैं. खिलाफ हैं, तो दूर रहिए हमसे’