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“फाईलों में मौसम गुलाबी” का शिकार हो गया बिजली संविदा कर्मियों की तैनाती का मामला

#संविदा कर्मी का वेतन सरकार से और सेवा साहब की, जनता को क्या? संविदा संघ के महासचिव का आरोप 251 संविदाकर्मियों की सूची का ममला फ़िलहाल ठन्डे बस्ते में. 2 दिन रही सरगर्मी फिर मामला यथावत.

अफसरनामा ब्यूरो

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में तैनात संविदाकर्मियों की तैनाती को लेकर बीते दिनों गर्म चर्चा फ़िलहाल ठन्डे बस्ते में जा चुकी है. और अधक्ष पावर कारपोरेशन आशीष गोयल की तेजी केवल फाईलों तक ही सीमित रह गयी है. कागज़ में तैनाती उपकेंद्रों पर और कर्मी चला रहा है मैडम की कार, ढो रहा स्कूलों से साहब के बच्चे. विभाग से वेतन और सेवा साहब के घर परिवार का इससे बड़ा राजयोग कहाँ मिलेगा. कुछ ऐसी ही स्थिति पुलिस विभाग में होमगार्ड की तो गाँवों में सफाई कर्मियों की है. इनकी जनता के लिए हुई तैनाती लेकिन आमजन के काम की नहीं बल्कि ख़ास लोगों के लिए हो गयी है. इनको वेतन सरकार से मिलता है और सेवायें जनता को न देकर साहब को देते हैं.

संविदा संघ के महासचिव के अनुसार 04 दिन पहले निविदा एवं संविदा संघ की शिकायत और 251 संविदाकर्मियों की सूची पर गंभीरता दिखाते हुए पॉवर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष ने मुख्य अभियंताओं और एजेंसी को तलब किया था तो सरगर्मी बढ़ी और संविदाकर्मियों को उनके मूल स्थान पर जहाँ उनकी आधिकारिक तैनाती रही, भेजा जाने लगा था. लेकिन इन चार दिनों में ही मामला ठंडा पड़ गया और स्थिति यथावत हो गयी है. फिर से संविदाकर्मी अपनी सेवायें साहबों के घर पर दे कर सरकार से वेतन ले रहे हैं. फ़िलहाल तो उक्त प्रकरण ठन्डे बस्ते में दिख रहा है. अब संविदा संघ मियाद पूरा होने पर इसको लेकर क्या कदम उठाएगा यह देखने होगा.

संविदा संघ ने अध्यक्ष को दी गयी सूची में लिख कर मांग किया था कि तैनाती की यह स्थिति कमोबेश पूरे प्रदेश की है. और अनुरक्षण एवं परिचालन काम में तैनात कर्मचारियों को किसी दुसरे कार्य में न लगाया जाये. और कंप्यूटर आपरेटर व चपरासी के लिए अलग से अनुबंध किये जाएँ. साथ ही विभाग दी गयी सूची की जांच कर सत्यता पाए जाने पर भारी वित्तीय अनियमितता मानते हुए उचित दंडात्मक कारवाई की जाये.

गौरतलब है कि बीते दिनों निविदा एवं संविदा संघ ने राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य जिलों में तैनात 251 बिजलीकर्मियो की एक सूची पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष आशीष गोयल को सौंपी थी. अफसरों के घरों पर तैनात इन कर्मियों का वेतन करीब 25.10 लाख प्रतिमाह विभाग से जाता था. पॉवर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष द्वारा इसके सम्बन्ध में रविवार को सुबह 11 बजे मुख्य अभियंताओं एवं एजेंसी के जिम्मेदारों को बुलाने से हड़कंप मचा था और घरों में तैनात कर्मी अपने-अपे मूल स्थान पर वापस किये जाने लगे थे.

संघ महासचिव देवेंद्र पांडेय ने बताया था कि 4 सितंबर को अध्यक्ष के साथ संगठन की वार्ता के बाद 251 ऐसे संविदा कर्मियों की सूची अध्यक्ष का सौंपी है, जो विभाग का काम करने के बजाय घरों में तैनात हैं. एजेंसी ने इन संविदा कर्मियों को कुशल एवं अकुशल के रूप में उपकेंद्रों पर तैनाती दिखा रखी जबकि हकीकत में यह संविदा कर्मी कुछ जूनियर इंजीनियर, उपखंड अधिकारी, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंताओं के घरों में सेवा दे रहे हैं. ऐसे एक संविदा कर्मचारी का वेतन औसतन 10 हजार रुपये प्रतिमाह है.

संविदा संघ द्वारा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को सौंपी गयी साहबों के घरों में तैनात संविदाकर्मियों की सूची…

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