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यूपी के एक और अफसर का होगा राजनीति में प्रवेश, ईडी के ज्वाईंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह के इस्तीफे की खबर

टीबी सिंह

लखनऊ : प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह जल्द ही अपनी सेवा से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन कर अपने नए राजनीतिक कैरियर की शुरुआत करने जा रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजेश्वर सिंह के एक दो हफ्तों में बीजेपी मे शामिल होंने की उम्मीद है और उनके आने वाले उत्तर प्रदेश के चुनाव में विधानसभा का चुनाव भी लड़ने की उम्मीद है. पिता से लेकर पूरा परिवार सरकारी महकमें के शीर्ष पदों पर तैनात है या फिर रहा है. उत्तर प्रदेश पुलिस में एनकाउंटर स्पेशिलिस्ट के नाम से पहचान रखने वाले अफसर राजेश्वर सिंह वर्ष 2009 में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर प्रवर्तन निदेशालय में चले गए थे. प्रवर्तन निदेशालय में अपनी तैनाती के दौरान इनके द्वारा यूपीए सरकार के महत्वपूर्ण व् चर्चित घोटालों की जांच की गयी साथ ही कई तत्कालीन प्रमुख सियासी चेहरों के खिलाफ कार्यवाई भी इनके द्वारा की गयी.

ईमानदार छवि के अफसर राजेश्वर सिंह के खिलाफ वर्ष 2018 में सरकार ने एक जांच भी कराया जिसमें इनके खिलाफ कुछ नहीं मिला. फिलहाल सिंह अब अफसर से राजनेता बनने की राह पर बताये जा रहे हैं और इनके अगले एक-दो हफ्तों में भाजपा ज्वाइन करने और अपने गृह जनपद सुल्तानपुर से चुनाव लड़ने की खबरें हैं. उनके पिता सहित भाई व बहन सहित परिवार के अन्य सदस्य भी सरकारी महकमें में शीर्ष स्तर पर तैनात हैं.

सुल्तानपुर जिले के पखरौली निवासी राजेश्वर सिंह के पिता रणबहादुर सिंह भी पुलिस महानिरीक्षक रहे हैं. राजेश्वर सिंह की पत्नी लक्ष्मी सिंह एक आईपीएस अधिकारी है और राजधानी लखनऊ में आईजी रेंज पद पर तैनात हैं. श्रीमती लक्ष्मी सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रहे इंद्रदेव सिंह की सुपुत्री हैं. भाई रामेश्वर सिंह इनकम टैक्स कमिश्नर हैं तो दो बहनों में एक मीनाक्षी सिंह IRS हैं. इनके पति आईपीएस राजीव कृष्णा लखनऊ के एसएसपी रह चुके हैं. दूसरी बहन आभा सिंह एक एक्टिविस्ट हैं जोकि आईपीएस अफसर यूपी सिंह की पत्नी हैं.

बताते चलें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED)के अफसर राजेश्वर सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे. वर्ष 2009 में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर इन्होंने प्रवर्तन निदेशालय को ज्वाईन किया और कई महत्वपूर्ण व चर्चित मामलों की जांच में शामिल रहने के साथ ही जांच की जिम्मेदारी भी संभाली. इन महत्वपूर्ण मामलों में बहु चर्चित 2G स्पेक्ट्रम का केस से सम्बन्धित मामलों की जांच की भी जिम्मेदारी रही. कांग्रेस की यूपीए सरकार में वर्ष 2010 से 2018 तक हुए कामनवेल्थ गेम में हुए घोटाले और कोल डिपो के आवंटन में हुई अनियमितता की जांच भी इनके द्वारा की गयी. साथ ही अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर डील में हुई अनियमितता के मामले में जिसमें तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कीर्ति चिदम्बरम का नाम शामिल होने का मामला आया था उसमें इनके द्वारा कार्यवाही भी की गयी.

इसके अलावा मुख्यमंत्री रहे ओम प्रकाश चौटाला, मधु कोड़ा और जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ चल रही जांच का भी यह हिस्सा रहे. राजेश्वर सिंह के पास इंजीनियरिंग की डिग्री “इंडियन स्कूल ऑफ़ माईन्स” धनबाद के अलावा “लाँ एंड ह्यूमन राइट्स” की भी डिग्री है. अपने एक लम्बे समय की प्रवर्तन निदेशालय लखनऊ में तैनाती के बाद भी राजेश्वर सिंह की सेवा में अभी 12 साल हैं. सरकार ने वर्ष 2018 में इनके खिलाफ एक जांच की शुरुआत किया लेकिन जांच में इनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला.

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