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पीसीएस संघ के अध्यक्ष के साथ प्रोन्नत हो IAS बनने वाले अफसर अभी भी एडीएम सिटी के पद पर हैं तैनात

अफसरनामा ब्यूरो

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग के मनमानेपन, लापरवाही और पीसीएस संघ के पदाधिकारियों के कुर्सी से चिपके रहने की चाहत व संवर्ग के सदस्यों की निष्क्रियता के चलते पीसीएस और प्रोन्नत आईएएस अफसरों के हितों व उनकी तैनाती में भेदभाव की खबरें सुर्खियाँ बनती रही हैं. ताजा मामला अलीगढ में एडीएम सिटी के पद पर तैनात सितम्बर 2020 में अपने संघ के अध्यक्ष इन्द्रमणि त्रिपाठी के साथ पीसीएस से प्रोन्नत हो आईएएस बने राकेश कुमार मालपानी का है. जोकि आईएएस बनने के बाद अभी भी पीसीएस के पद एडीएम सिटी की कुर्सी पर तैनात हैं. जबकि अभी हाल ही में पीसीएस से प्रोन्नत हो आईएएस बनीं निधि श्रीवास्तव को एडीएम प्रशासन आगरा से प्रमोशन पाते ही लखनऊ बुलाकर अपर निदेशक मंडी बना दिया गया.

मालपानी की तैनाती का यह प्रकरण और भी दिलचस्प तब हो जाता है जब खुद उन्हीं के संवर्ग के एक अफसर नियुक्ति विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात हैं और आईएएस अफसरों की नियुक्ति का काम देख रहे हैं . इसमें महतवपूर्ण यह भी है कि 2017 बैच के अफसर सीडीओ बनाये जा चुके हैं जबकि मालपानी का बैच 2014 है और इनको एक साल प्रोन्नत हुए हो गया और यह अभी भी एडीएम सिटी के पद पर तैनात हैं .

उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग की लापरवाही या फिर मनमानेपन का उदाहरण समय-समय पर सुर्ख़ियों में रहा है. जहां पिछले दिनों दो अफसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था. इसके अलावा तबादलों और तैनाती में अनदेखी या फिर भेदभाव तो आम बात है. नियमतः पति-पत्नी दोनों यदि सरकारी सेवा में हैं तो उनकी तैनाती में इस बात का ध्यान रखे जाने का प्रावधान है कि वह दोनों एक साथ रह सकें लेकिन नियुक्ति विभाग की कृपा से ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं जिनमें इसका अनुपालन नहीं हो पा रहा है. यह उदासीनता और लापरवाही केवल नजीर मात्र है. ऐसे और भी बहुत से प्रकरण हैं जिनमें सूबे के नियुक्ति विभाग की लापरवाही या फिर उदासीनता उजागर है.

नियुक्ति विभाग की उदासीनता और पीसीएस एसोसिएशन की निष्क्रियता के चलते सितम्बर 2020 में प्रोन्नत हो आईएएस बने एडीएम सिटीअलीगढ राकेश कुमार मालपानी की तैनाती देखते हुए एक चरित्रार्थ होती है कि “अपना काम बनता, भाड़ में जाय जनता” जिसमें पीसीएस संघ के सदस्य और सदस्यों को केवल अपनी ही कुर्सी की चिंता दिखाई देती है. बताते चलें की सितम्बर 2020 में कुल 22 पीसीएस अफसर प्रोन्नत होकर आईएएस सेवा में गये थे. मालपानी अपने एसोसिएशन के अध्यक्ष के साथ प्रमोट होने तथा नियुक्ति विभाग के अपने ही संवर्ग के विशेष सचिव जिनके पास आईएएस अफसरों की तैनाती का काम है, के बावजूद अभी भी वहीं पीसीएस संवर्ग के पद पर तैनात हैं.

जानकार बताते हैं कि इस तरह की लापरवाही केवल और केवल संवर्ग के सदस्यों और पीसीएस संघ के पदाधिकारियों की कुर्सी के प्रति चिपके रहने की प्रवृत्ति का ही परिणाम है. राकेश मालपानी का मामला पीसीएस से आईएएस में प्रोन्नत अफसरों की तैनाती और उनके प्रति भेदभाव का जीता जागता उदाहरण है. इसमें अहम् यह है कि नियुक्ति विभाग में आईएएस अफसरों की तैनाती का काम देख रहे धनञ्जय शुक्ला खुद अभी पीसीएस से आईएएस बने हैं और पीसीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष इन्द्रमणि त्रिपाठी भी अलीगढ में एडीएम सिटी के पद पर तैनात राकेश कुमार मालपानी के साथ प्रोन्नत होकर आईएएस बने थे. फिलहाल पीसीएस संघ बिना मुखिया के हो चुका है और इसके प्रमुख पदाधिकारी प्रमोट हो आईएएस बन चुके हैं.

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