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डीजीपी तो क्षत्रिय लेकिन बुन्देलखंडी ब्राह्मण हैं पालीवाल

# सोशल मीडिया और सियासी गलियारों में योगी की नियुक्तियों को ठाकुर बताने की मची होड़

अफसरनामा ब्यूरो

लखनऊ : इसमें शक नहीं कि राजनीतिक नफ़ा नुकसान के लिए उत्तर प्रदेश में जातीय गुना गणित की रवायत दशकों से आम है लेकिन इधर जातिवादी चश्मे से देखने वालों ने साड़ी हदें पार कर दी हैं. करीब दस महीने से खाली पड़ी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर जैसे ही रिटायर्ड आईएएस अफसर सीबी पालीवाल की तैनाती हुई, सत्ता के गलियारों से लेकर सोशल मीडिया पर हरकतें तेज हो गयीं. कोई इन्हें आगरा का ठाकुर बताने लगा तो कोई राजस्थान के पाली मूल का क्षत्रिय. इसी तरीके से पहली जनवरी को नामित और बाईस दिन बाद कल उत्तर प्रदेश के डीजीपी का कार्यभार संभालने जा रहे ओम प्रकाश सिंह को लेकर भी बहस जारी था.

उत्तर प्रदेश में शीर्ष पदों पर हो रही नियुक्तियों में योगी के सजातीय ठाकुरों का बोलबाला होने की चर्चाओं के बीच रोचक यह है कि आज नियुक्त किये गए अधीनस्थ चयन आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल इस बिरादरी से आते हैं. सोशल मीडिया पर चल रही चांडूखाने की गल्प सीबी पालीवाल को राजस्थान के पाली गाँव का ठाकुर बता रही है जबकि वह बुन्देलखंडी ब्राह्मण हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पालीवाल ब्राह्मण मूलतः राजस्थान के पाली जिले के रहने वाले हैं. बेहद ईमानदार छवि के सीबी पालीवाल पिछली अखिलेश यादव की सरकार में प्रमुख सचिव नगर विकास बनाये गए थे. श्री पालीवाल गलत काम करने से मना करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखा था कि मुझे इस विभाग से हटा लिया जाय. पालीवाल के इस पत्र के बाद अखिलेश यादव ने उनको रेवन्यू बोर्ड में भेज दिया गया था.

दरअसल पहले पुलिस मुखिया के पद पर ओपी सिंह को लेकर फिर आज अधीनस्थ चयन आयोग के अध्यक्ष पद पर सीबी पालीवाल की तैनाती के बाद सोशल मीडिया पर इस मामले में कुछ दिलचस्प फेसबुकिया नमूने इस प्रकार है.

1.     “जय हो ठाकुर वीरों की ।

उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में ठाकुरवाद अपनी चरम पर है और बिलबिला रहा है ।पता नही कहाँ कहाँ से खोज के ठाकुर लाते हैं ?
इतना ज़्यादा ठाकुरवाद/जाति विशेष वाद तो इनकी पिछली सरकार में सरकार में भी नही था और ये १५ साल के बाहर हुई गए थे । इनकी अभी तक की यही सबसे बड़ी उपलब्धि यही है । बाबा के “बेकार के ठाकुरों” का मोह लोक सभा में नुक़सान ना करवा दे भाजपा का ।

१-महाधिवक्ता ठाकुर चाहिए
२-अधीनस्थ सेवा आयोग का अध्यक्ष ठाकुर
३-डीजीपी केवल ठाकुर के चक्कर में अभी तक शपथ लिया।

नोट- मैं जाति विरोधी नही हूँ लेकिन जाति विशेष का इतना ख़याल बिलकुल भी शोभा नही देता है । और ये लोग ऐसे ठाकुरों को पद पर बैठा देते हैं जो ख़ुद ठाकुरों का ही काम नही करते हैं । स्वयं कई ठाकुर परेशान हैं ।सनद रहे की महाराणा प्रताप के विरुद्ध कई ठाकुर सामने युद्ध खड़े थे।“

 2.“बहुप्रतीक्षित फैसला –

नोट-#पालीवाल ठाकुरों की दुर्लभ प्रजाति है, पालीवाल गोरखपुर में काफी संख्या में हैं , पालीवालों का मुख्य स्थान राजस्थान का पाली जिला है……”

afsarnama
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