अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में शराब के धंधे में एक दशक से चला आ रहा पोंटी चढ्ढा समूह का दबदबा खत्म होगा. योगी सरकार में इसी साल अप्रैल से शराब के धंधे में नए कारोबारी दिखेंगे और पोंटी चढ्ढा का लगभग एकाधिकार खत्म हो जाएगा. मायावती से लेकर अखिलेश तक हर सरकार के चहेते रहे पोंटी चढ्ढ़ा समूह के दिन अब लद गए हैं.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आबकारी नीति में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए पूर्व में गठित स्पेशल जोन की व्यवस्था समाप्त कर दी है. प्रदेश में शराब के धंधे में एक ही समूह की मोनोपॉली तोड़ने के लिए नयी आबकारी नीति को मंजूरी दी गयी है. शीरा नीति में भी वदलाव करते हुए कर को घटाया गया है. गुरुवार से शुरु होने वाली वन डिस्ट्रिक वन प्रॉडक्ट योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुयी मंत्रिपरिषद की बैठक में नयी आबकारी नीति को मंजूरी दी गयी है. आज मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री व प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि नयी आबकारी नीति 2018 को मंजूरी दे दी गयी है. अब प्रदेश में देशी व विदेशी शराब की दुकानों के आवंटन नयी नीति के हिसाब से होंगे. शराब की दुकानों के लाइसेंस आनलाइन व ई लाटरी सिस्टम से दिए जाएंगे. पहले की सरकार में गठित स्पेशल जोन समाप्त कर दिए जाएंगे जिसके क्षेत्र विशेष के थोक व फुटकार शराब का काम एक ही समूह के हाथों में सौंप दिया गया था. शराब की बोतलों पर लगने वाले होलोग्राम को ट्रैक व ट्रेस करने की व्यवस्था होगी. बीते साल जिन लोगों के पास शराब की दुकानें थी और जिनकी बिक्री अच्छी होगी उन्हें नए लाइसेंस के लिए ज्यादा आवेदन करने की छूट होगी. प्रदेश सरकार को नयी नीति के बाद आबकारी राजस्व में 20 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है.
मंत्रिपरिषद के फैसले के मुताबिक 8 फरवरी से लेकर 20 मार्च तक उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र चलाया जाएगा. एक अन्य फैसले में शीरा नीति में बदलाव करते हुए इस पर कर घटा दिया गया है. इससे चीनी मिलों को फायदा होगा. प्रदेश सरकार का कहना है कि इस साल न केवल चीनी का उत्पादन बढ़ा है बल्कि ज्यादा शीरा भी पैदा किया गया है. चीनी मिलों को सहूलियत देते हुए शीरे पर कर की दर अब 25 फीसदी की जगह 12 फीसदी ही रहेगी.