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उद्पादन निगम में DPC के बाद भी आदेश पत्र दूर, प्रमोटी अफसर अपेक्षा के शिकार या उपेक्षा के  

#अनपरा में GM रामपाल सिंह Level-1 में प्रमोट होने के एक हफ्ते बाद भी जूनियर अखिलेश सिंह Level-2 के नीचे काम करने को मजबूर.

अफसरनामा ब्यूरो 

लखनऊ :  ऊर्जा विभाग के उत्पादन निगम में विभागीय पदोन्नति के बाद कार्मिक विभाग द्वारा कुल 7 में से केवल 2 का ही आदेश जारी किया करना और 5 का आदेश रोक कर रखना तमाम तरह की चर्चाओं को जन्म दे रहा है. सवाल यह भी है कि क्या बाकी 5 पदोन्नति पाए अफसर अपेक्षा के शिकार हैं या फिर उपेक्षा के. एक ईमानदार मुख्यमंत्री के राज में उत्पादन निगम में कार्मिक विभाग की मेहरबानी का आलम यह है कि Level 1 में प्रमोट हुआ अफसर उसी जगह दागी Level 2 अफसर के नीचे काम कर रहा है. सवाल यह है कि इस योगिराज में भी क्या अखिलेशराज कायम है, आखिर दूसरे चर्चित विभागों की तरह मलाईदार इन पदों पर तैनाती में देरी की क्या वजह है? क्या इस पर ऊर्जा विभाग के मंत्री और प्रमुख सचिव की नजर नहीं पड़ रही है.

भारी भरकम विभाग के मलाईदार पदों के लिए तबादला और तैनाती दो ऐसे शब्द हैं जोकि विभाग के प्रबंधन और पब्लिक दोनों की नजर में होता है, और इसको लेकर दोनों की अपनी-अपनी समझ होती. लेकिन जब प्रमोशन पाया अफसर खुद उसी जगह पर अपने जूनियर के नीचे पदोन्नति के एक हफ्ते बाद तक काम कर रहा हो तो कार्मिक विभाग को लेकर पब्लिक की नजर इस विषय पर क्या है इसका अनुमान लगाया जाना लाज़मी है. कुछ ऐसा ही हो रहा है ऊर्जा विभाग के उत्पादन निगम में जहां पर Level-2 से Level-1 के लिए 7 अफसरों का प्रमोशन किया जाता है लेकिन प्रमोशन लेटर केवल दो ऐसे अफसरों को दिया जाता है जिनका तबादला या तैनाती से कोई वास्ता नहीं था, क्योंकि उन 2 में से एक रिटायर हो चुके हैं और दूसरे पहले से ही निदेशक के पद पर हैं. ऐसे में अब बचे 5 अधिकारी या तो अपेक्षा के या फिर उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं और इनका तबादला कर तैनाती देने में प्रबंधन के पसीने छूट रहे हैं. चर्चाएं भांति-भांति की है और कार्मिक विभाग प्रकरण को तोलने में लगा है.

बताते बताते चलें 28 सितंबर को ऊर्जा विभाग के उत्पादन निगम में में विभागीय पदोन्नति हुई जिसमें Level-1 में प्रमोट हुए अनपरा में GM पद पर तैनात रामपाल सिंह एक हफ्ते बाद भी दागी सीजीएम अखिलेश सिंह के नीचे काम करने के लिए कार्मिक विभाग की मेहरबानी से मजबूर है. जबकि चल रही तीन परियोजना परियोजनाओं में एक पारीछा में CGM की जगह खाली हो चुकी है, दूसरी ओबरा में 31 अक्टूबर तक वर्तमान CGM चंडी प्रसाद मिश्रा रिटायर हो जायेंगे. जबकि अनपरा में Level-2 के अफसर अखिलेश सिंह सीजीएम के पद पर विराजमान हैं जिनकी छवि बेहद ही दागदार रही है.

विभाग के कार्मिक विभाग की कारगुजारियों का खुलासा “अफसरनामा” ने  “ऊर्जा विभाग के उत्पादन निगम में शीर्ष स्तर पर अफसरों का टोटा” नामक शीर्षक से पहले कर चुका है और कार्मिक निदेशालय की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है. “अफसरनामा” ने पहले ही एक खबर दी थी कि उच्च स्तर पर अफसरों की भारी कमी है और जिसके लिए अफसरनामा “निगम आर्गनाइजेशन स्ट्रक्चर 2016” का हवाला दिया था जिससे दबाव में आये निदेशक मंडल ने स्ट्रक्चर को ही निष्प्रभावी करने का आदेश पास कर दिया था. लेकिन आज स्थितियां एकदम उलट हैं और उच्च पद पर प्रमोशन के बाद भी तैनाती देने में देरी की जा रही है. जानकारों का कहना है कि निगम की भारी भरकम परियोजनाएं चल रही हैं और जगह भी खाली है फिर भी विभागीय पदोन्नति कर शीर्ष स्तर पर खाली पदों के लिए चयन करने के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी उनके प्रमोशन का आदेश इसलिए जारी नहीं किया जा रहा है कि प्रमोट हुए अफसरों की नवीन तैनाती करनी पड़ेगी जिसमें तमाम तरह के समीकरण कार्मिक विभाग को बैठाने पड़ते हैं.

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