
अफसरनामा ब्यूरो
लखनऊ : स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत स्थापित उत्तर प्रदेश के चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों में विशेष आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश सुनाया है. अदालत ने कहा कि 50 फीसदी से अधिक आरक्षण किसी भी हालत में मान्य नहीं है और मामले में आरक्षण अधिनियम-2006 का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए. हालांकि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने राज्य सरकार को थोड़ी राहत भी दी है और इसी प्रकरण की सुनवाई के बाद पूर्व में सिंगल बेंच द्वारा काउंसलिंग रद्द करने के फैसले पर रोक लगा दी है. काउंसलिंग की चालू प्रक्रिया को जारी रखने के निर्देश दिए हैं.
न्यायालय ने सरकार को एक सप्ताह के अंदर शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. एससी-एसटी वर्ग के जिन छात्रों को आरक्षण की सीमा से बाहर जाकर अम्बेडकर नगर, कन्नौज, जालौन व सहारनपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले दिए गए हैं, उन्हें इस वर्ग के लिए दूसरे सरकारी मेडिकल कोलेजों में अभी तक रिक्त चल रहे, 82 सीटों पर समायोजित किया जाएगा. इस कार्य को पूर्ण करने के बाद सरकार की ओर से न्यायालय के समक्ष शपथ पत्र दाखिल करना होगा. यदि सरकार एटीआर सहित अगले सत्र से 50% की आरक्षण सीमा को न पार करने सम्बन्धी शपथ पत्र नहीं देती, तो यह अंतरिम आदेश लागू नहीं होगा.
