Free songs
BREAKING

तहसील लखीमपुर को पर्यावरण को बढ़ावा व संरक्षण देने के लिए मिला ISO 14001 का प्रमाण पत्र, यूपी की पहली तहसील बनी, SDM अरुण सिंह को मिला तमगा

#SDM अरुण सिंह की कर्मठता से पहले भी यूपी की पहली कारपोरेट कल्चर तहसील का ISO 9001 प्रमाण पत्र कर चुकी है हासिल.

अफसरनामा ब्यूरो

लखीमपुर : मल्टीनेशनल तर्ज पर कारपोरेट कल्चर की आईएसओ प्रमाण पत्र पाने वाली यूपी की पहली तहसील लखीमपुर बन गयी थी, बुधवार को इसमें एक और इजाफा हुआ और यह एकबार फिर पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के लिए ISO 14001: 2015 का प्रमाण पत्र हासिल करने वाली सूबे की पहली तहसील बन गयी. बुधवार को कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने लखीमपुर पहुँच इस प्रमाण पत्र को उपजिलाधिकारी अरुण सिंह को सौंपा. आईएसओ 14001: 2015 का प्रमाण पत्र किसी संगठन द्वारा व्यवस्थित रूप से अपनी पर्यावरणीय जिम्मेदारियों के प्रबंधन के लिए उपयोग करने के लिए दिया जाता है. आईएसओ 9001 मिलने के बाद अपने निर्धारित लक्ष्य आईएसओ 14001 को तहसील लखीमपुर सदर द्वारा प्राप्त किया गया. इस दौरान कमिश्नर द्वारा तहसील का निरीक्षण भी किया गया, जहां की व्यवस्था देख कमिश्नर ने तहसील प्रशासन की प्रशंसा किया और साथ ही जल संरक्षण को लेकर एसडीएम सदर द्वारा चलाए गए तालाब खोजो तलाब बचाओ अभियान की भी भरपूर सराहना की.

ISO 14001 में ध्येय पानी, बिजली तथा कागज की खपत कम करना है जिसके लिए तहसील परिवार ने पानी की खपत का लक्ष्य निर्धारित करके पानी के पुनर्चक्रण व वर्षा जल के संचयन प्रणाली को अपनाया है. बिजली की खपत को कम करने के लिए LED व BEE स्टार रेटिंग वाले उपकरणों के प्रयोग पर बल दिया गया साथ ही जरूरत के हिसाब से बल्ब,पंखा आदि को चलाना सुनिश्चित किया गया है. कागज की बचत के लिए आंकड़ों, दस्तावेजों व पत्रावलियों को डिजिटिलाइज किया गया है साथ ही ध्वनि व वायु प्रदूषण कम करने के लिए साइलेंट जनरेटर का उपयोग किया जाता है. जन जागरूकता के किये तहसील परिसर में साइनेज लगाये गए हैं और परिसर में खाली पड़े स्थान पर फल व छायादार वृक्षो को रोपित किया गया है.

हमेशा लीक से हटकर काम करने के मशहूर एसडीएम सदर अरुण सिंह के खास प्रयासों के चलते इस तहसील को उत्कृष्टता के लिए दुनिया भर में प्रतिष्ठित जहां आईएसओ 9001 दिया गया था वहीँ बुधवार को इसको ISO 14001: 2015 का प्रमाण पत्र दिया गया है. इस तरह जहां बदली हुयी रंगत और कामकाज के तरीकों के लिए सदर लखीमपुर तहसील की जनता अपने इस कर्मठ एसडीएम अरुण सिंह को सराह रही है वहीँ उनकी कार्यशैली से प्रभावित हो जिलाधिकारी शैलेन्द्र प्रताप सिंह और कमिश्नर मुकेश मेश्राम भी अरुण की तारीफ़ करने से खुद को नहीं रोक सके. अरुण सिंह इन उपलब्धियों का श्रेय वरिष्ठों के मार्गदर्शन और कनिष्ठों के सहयोग को देते हैं. इनमें डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह और सीडीओ आईएएस अरविन्द सिंह के मार्गदर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

एसडीएम सदर अरुण कुमार सिंह का कहना है कि आज जहां पूरे विश्व में पर्यावरण को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है और पानी के संरक्षण व संवर्धन पर तमाम देशों के साथ ही हमारी सरकार भी सक्रिय है, तो एक उपजिलाधिकारी होने के नाते इसको जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी हमारी ज्यादा होती है. अपनी इसी सोच को लेकर उन्होंने इस दिशा में काम किया और यह उपलब्धि हासिल किया. अरुण सिंह के अनुसार इसके पहले वह अभी तक अपनी तहसील की तैनातियों में आने वाले फरियादियों को देखते थे तो पीड़ा होती थी. उनका कहना है कि तहसील और थानों में आने वाला कोई पीड़ित ही होता है. ऐसे में उसकी परेशानी और अज्ञानता का लाभ उठा तहसीलों में दलाल सक्रीय रहते हैं और तहसील दलाली का अड्डा बन जाती है. तहसील को इसी दलाली से मुक्ति दिलाने और आमजन में तहसील को लेकर बनी गलत अवधारणा को दूर करने के लिहाज से उन्होंने इस तरह की व्यवस्था करने की सोची और अंततः उसमें सफल ही नहीं रहे बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य के लिए नजीर बने.

श्री सिंह के अनुसार आज, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ गया है, जिससे दुनिया के भविष्य के बारे में चिंता बढ़ रही है. यही कारण है कि आज अधिक से अधिक व्यवसाय आईएसओ 14001 मानक को लागू कर रहे हैं. उन्हें अपने ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं और तीसरे पक्ष के प्रयासों को साबित करने के लिए आईएसओ एक्सएनयूएमएक्स पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन की भी आवश्यकता होती है. ऐसे में मेरे द्वारा इसके लिए किया गया यह प्रयास सकारात्मक रहा. “तालाब खोजो- तालाब बचाओ”अभियान पर्यावरण व भूगर्भ जल के संरक्षण में मील का पत्थर साबित हो रहा है जिसमे अपनी पहचान खो चुके तालाब,पोखर,सरोवर व नदियाँ पुनः अस्तित्व में आ रहे हैं.

अरुण सिंह ने बताया कि लखीमपुर तहसील ISO 9001 प्रमाणपत्र प्राप्त कर चुकी थी, और अब ISO 14001 प्रमाणपत्र मिल जाने पर हम सब की जिम्मेदारी और भी बढ़ गयी है कि गुणवत्ता परक सेवाएं देने के साथ साथ हम सब पर्यावरण के संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दें जिससे तहसील सदर प्रदेश में पहले पायदान पर बनी रहे. ISO 9001 में जनमानस की समस्याओं का त्वरित निस्तारण, जनकल्याणकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन कर के बिचौलियों की भागीदारी बन्द करना,तहसील की संपत्ति का नामांकन करके उसका रखरखाव सुनिश्चित करना, राजस्व कर्मी व काश्तकारों के बैठने व पेयजल की उचित व्यवस्था करना, वाहन पार्किंग व राजस्व अभिलेखों के रखरखाव की समुचित व्यवस्था करना शामिल था ये सभी सेवाएं गुणवत्तापूर्ण ढंग से आज निरन्तर गतिशील हैं.

गौरतलब है कि इसके पहले भी अरुण सिंह की तैनाती जहां भी रही है वहां लोगों के बीच अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चा में रहे हैं. अपनी कन्नौज में तैनाती के दौरान इनके द्वारा ऐतिहासिक धरोहरों की जमीनों पर हुए अतिक्रमण और कब्जे को हटवाया बल्कि उनको संरक्षित कराने का भी काम किया. जिसके चलते इनका वहां से तबादला तो हुआ लेकिन आज भी वहां की जनता अरुण के कार्यों को याद करती है. फिर अपनी तिर्वा तहसील की तैनाती के दौरान करीब तीन दर्जन अवैध खनन में लिप्त ट्रकों को पकड़ा जिसमें वहां की पुलिस ने करीब एक दर्जन को छोड़ दिया. बाद में कार्यवाही कर पुनः उन ट्रकों को अंदर कराया. तिर्वा से हटने के बाद ये लखीमपुर आये और सदर तहसील के उपजिलाधिकारी बने. सदर तहसील का जिम्मा संभालने के बाद इनका पाला पहले यहाँ के खनन माफियाओं और भूमाफियाओं से पड़ा. खनन में लिप्त गाड़ियों को पकड़े जाने पर इनपर ट्रैक्टर चढ़ाने की भी कोशिश की गयी. भूमाफियाओं द्वारा किये गए अतिक्रमण को हटाने को लेकर की गयी सख्ती के चलते सक्रिय भूमाफिया मुख्यमंत्री सचिवालय तक चक्कर लगाये लेकिन सुनवाई नहीं हुई.

यूपी की पहली कारपोरेट कल्चर की ISO तहसील बनी लखीमपुर सदर, एसडीएम अरुण सिंह को मिला तमगा

यूपी की पहली कारपोरेट कल्चर की ISO तहसील बनी लखीमपुर सदर, एसडीएम अरुण सिंह को मिला तमगा

afsarnama
Loading...

Comments are closed.

Scroll To Top