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Author Archives: Rajesh Tiwari

दिल्ली : यूपी कैडर के 1981 बैच आईएएस अधिकारी अनिल स्वरुप को 20 मई, 2018 तक उच्च शिक्षा विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. अनिल स्वरुप 01 सितम्बर 2006 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं.

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दिल्ली : केंद्र की एनडीए सरकार ने नई ट्रेनों के चलाये जाने की घोषणा में चली आ रही राजनीति पर विराम लगा दिया है. केंद्र की मोदी सरकार के अभी तक के चार साल के कार्यकाल में उसके रेल मंत्रालय ने 100 से अधिक नई ट्रेनों की शुरुआत बिना किसी पूर्व घोषणा के की है और सरकार ने रेलवे के लिए अलग बजट भी छोड़ा है और इसे सामान्य बजट के साथ विलय करने की इजाजत दी है. मिली जानकारी के अनुसार ट्रेनों की यह शुरुआत आवश्यकता आधारित है न कि सियासी है. फिलहाल मंत्रालय इसके लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र को प्राथमिकता दे रहा है.

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दिल्ली : सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में स्मृति ईरानी के कामकाज और अहंकारी प्रवृत्ति से आरएसएस खुश नहीं था, बल्कि ऐसा कहा जाता है कि संगठन ईरानी से परेशान था. सूत्रों के मुताबिक आरएसएस ईरानी के सचिव और उनके मंत्रालय के कुछ सलाहकारों से खुश नहीं था.

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कानपुर से हटाये जाने के बाद अब अपने पाप हटाने मे जुटे अविनाश सिंह

कानपुर से हटाये जाने के बाद अब अपने पाप हटाने मे जुटे अविनाश सिंह

#तबादले के बाद भी कानपुर में डट कर रहे करोड़ों के वारे न्यारे.   #अविनाश सिंह ने सरकारी आवास में चोरी-चुपके बैठकर निपटाई कई फाइलें. अफसरनामा ब्यूरो  लखनऊ : कानपुर को देश के सबसे गंदे, दुनिया के सबसे जहरीले शहर ...

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नूरपुर उपचुनाव के लिए सपा की प्रचारकों की सूची से शिवपाल का नाम गायब

नूरपुर उपचुनाव के लिए सपा की प्रचारकों की सूची से शिवपाल का नाम गायब

#सपा के प्रमुख महासचिव रामगोपाल ने चुनाव आयोग को प्रचारकों की सौंपी सूची.  अफसरनामा ब्यूरो लखनऊ : समाजवादी पार्टी के विधायक व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव पारिवारिक विवाद के बाद हाशिये पर चल रहे ...

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लखनऊ : रेलवे बोर्ड के सेक्शन ऑफिसर गौरव कुमार कटियार को सहायक प्रबंधक (एचआर), लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एलएमआरसी), लखनऊ नियुक्त किया गया है, श्री कटियार एक आरबीएसएस अधिकारी है.

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दिल्ली : डीओपीटी ने मंत्रालयों और विभागों से भर्ती नियम / सेवा नियमों को अद्यतन करने के लिए कहा है, जिन्हें पिछले पांच वर्षों में संशोधित नहीं किया गया है. यह भर्ती अधिकारियों और कर्मचारियों के पदोन्नति के लिए आवश्यक है. डीओपीटी मेमो का कहना है कि इन नियमों की समीक्षा पांच साल में एक बार की जानी चाहिए.

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