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धर्मसभा के नाम पर हुडदंग मचाने से रोकने पर अफसर नपे

#उपद्रवियों को टोकने पर सरकार खफा, औरैया की बिधूना तहसील के एसडीएम सीओ सस्पेंड.

#पुलिस के काम में भाजपा जिलाध्यक्ष ने किया हस्तक्षेप, सीओ, एसडीएम के खिलाफ की नारेबाजी.

#एडीएम और अपर पुलिस अधीक्षक के आने पर मामला शांत, फिर भी कार्यवाही.        

#योगी सरकार का यह फैसला अखिलेश यादव सरकार में दुर्गाशक्ति नागपाल प्रकरण को ताजा कर रहा है.

अफसरनामा ब्यूरो  

लखनऊ : औरैया की बिधूना तहसील के एसडीएम प्रवेन्द्र कुमार और सीओ भास्कर वर्मा का योगी सरकार में हुआ निलंबन अखिलेश सरकार में दुर्गाशक्ति नागपाल के निलंबन की याद दिला रहा है. जिस तरह से दुर्गाशक्ति नागपाल का निलंबन राजनीतिक था कुछ इसी तरह का मामला 2015 बैच के इस पीसीएस अफसर प्रवेन्द्र कुमार का माना जा रहा है.

25 नवंबर को अयोध्या में धर्म संसद में भाग लेने जा रहे लोगों के साथ दुर्व्यवहार और कानून व्यवस्था संभालने में लापरवाही बरतने पर सरकार ने औरैया की विधूना तहसील के एसडीएम प्रवेंद्र कुमार और सीओ भास्कर वर्मा को निलंबित कर दिया है. सरकार ने यह कार्यवाही डीएम की रिपोर्ट के आधार पर की है. एसडीएम और सीओ के निलंबन आदेश मंगलवार देर रात जारी कर दिए गए.

खबरों के मुताबिक़ 25 नवंबर को अयोध्या धर्मसभा में जाने वाले लोगों से जाम लग गया. जाम हटवाने के लिए मौके पर पहुंचे एसडीएम और सीओ ने इन लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया था इससे नाराज लोगों ने वहां काफी हंगामा किया जिससे वहां कानून-व्यवस्था बिगड़ने के हालात बन गए. औरैया के डीएम ने घटना के संबंध में उसी दिन शासन को रिपोर्ट भेज दिया और  रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई.

जबकि सीओ और एसडीएम का कहना है कि घटना के समय सीओ और एसडीएम अपने आवास पर थे. उनके आवास के सामने से 4-5 बाईक से 3-3 लोग सवार होकर हल्ला और नारेबाजी करते हुए निकले. सीओ के अनुसार उनको यह गंभीर मामला लगा कि शाम का वक्त है और रोड पर महिलायें और बच्चे घूमते हैं ऐसे में यदि कोई घटना हो जाती है तो बवाल हो सकता है. फिर सीओ भाष्कर वर्मा अपने आवास से निकले और मेन चौराहे पर दुर्गा मंदिर के पास सबको रोककर पूछताछ करने लगे.

इसी बीच भाजपा के जिलाध्यक्ष सहित कुछ लोकल राजनीतिक लोग इकट्ठा हो गए और सीओ और एसडीएम के खिलाफ सीओ एसडीएम हाय-हाय की नारेबाजी करने लगे. सीओ के मुताबिक उनको सूचना यह भी मिली कि यह लोग मुस्लिम गलियों में फायरिंग करते हुए और “आज फैसला होकर रहेगा और मंदिर यहीं बनेगा” जैसे नारे लगाते  हुए आये थे. ऐसे में पुलिस ने इन सबको रोककर केवल पूछताछ किया न कि उनको मारा पीटा या अभद्रता किया. हालांकि मौके पर एडीएम और अपर पुलिस अधीक्षक के पहुँचने पर मामला शांत हो गया.

सीओ के मुताबिक़ पुलिस ने केवल उनकी बाइक साइड लगवा करके पूछताछ शुरू किया कि शाम का टाइम है और रोड पर महिलाएं और बच्चे भी रहते हैं ऐसे में नारेबाजी करते हुए स्पीड में बाइक चलाना किसी न किसी घटना को अंजाम दे सकता था, इसलिए ऐसा करना जरूरी था. इसके पहले कुछ इसी तरह के अराजक तत्वों द्वारा दीपावली के एक दो पहले भी मुस्लिम बस्ती की गलियों में नारेबाजी की गयी थी जिससे सबक लेते हुए एहतियातन सीओ बिधूना ने यह कदम उठाया. इसके अलावा इनको सस्पेंड किया जाना आश्चर्यजनक है. सीओ भास्कर वर्मा का कहन है कि अगर पुलिस अपना काम नहीं करेगी तो क्या करेगी यानी केवल मूक दर्शक बनी रहे.

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